जिन्दगी कहा शुरु कहा खत्म हो जाती हे
जो रोज दिखती वो दिख्ना कम् हो जाती हैं
जिस मा बिना न होती थी बछ्पन की सुबह
उसे वृद्धाश्रम देख आखे नम हो जाति हे
Well done is better than well said
जिन्दगी कहा शुरु कहा खत्म हो जाती हे
जो रोज दिखती वो दिख्ना कम् हो जाती हैं
जिस मा बिना न होती थी बछ्पन की सुबह
उसे वृद्धाश्रम देख आखे नम हो जाति हे
सच्चे दोस्त कभी गिरने नहीं देते,
न किसी की नजरों में,
न किसी के कदमों में !❣️