इश्क़ मुकम्मल नहीं हुआ तो क्या हुआ
अधूरी ख़्वाहिशें मेरे दिल में ज़िंदा तो हैं
क्या हुआ जो आधा अधूरा मैं रह गया
उससे मेरी शायरी और गज़लें पूरी तो हैं
इश्क़ मुकम्मल नहीं हुआ तो क्या हुआ
अधूरी ख़्वाहिशें मेरे दिल में ज़िंदा तो हैं
क्या हुआ जो आधा अधूरा मैं रह गया
उससे मेरी शायरी और गज़लें पूरी तो हैं
Mujhe apane jutoo me bhi rawani chahiye ,
Mujhe tum sab ke chehero par hairani chahiye,
Mai jawaan tha jawaan hi rahe gaya zindagi bhar
Ki ab mujhe apani bhudape me bhi jawani chahiye
मुझे अपने जूतों में भी रवानी चाहिए
मुझे तुम सभ के चेहरे पर हैरानी चाहिए
मैं जवान था जवान ही रह गया ज़िन्दगी भर
कि अब मुझे अपने बुढ़ापे में भी जवानी चाहिए…
Kuch is kadar peechhe reh gayi hu zindagi ke is safar me ki
Waqt aage badh gaya hai or log bhi…
कुछ इस कदर पीछे रह गई हूँ ज़िन्दगी के इस सफ़र में कि
वक़्त आगे बढ़ गया हैं और लोग भी।।