Skip to content

Divyansh Sharma

पेशे से पत्रकार और मेरे शब्द ही मेरी पूंजी है । मैं उस दौर का लेखक हूँ।जिस दौर में सिर्फ भावनाएँ ही आहत होती है

इश्क़ मुकम्मल नहीं हुआ तो क्या हुआ || sad hindi shayari

इश्क़ मुकम्मल नहीं हुआ तो क्या हुआ 

अधूरी ख़्वाहिशें मेरे दिल में ज़िंदा तो हैं

क्या हुआ जो आधा अधूरा मैं रह गया 

उससे मेरी शायरी और गज़लें पूरी तो हैं 

आदत हो गई है घुट-घुट कर मरने की

आँखों में जलन और सीने में गुबार है

झूठ की धुन्ध में दिखना बंद हो गया है

आदत हो गई है घुट-घुट कर मरने की

हवाओं में इतना ज़हर जो घुल गया है

Dil mein zakham jada || true line Hindi shayari

Har or uljhan aur khamoshiyon ka shor hai
Ankhon mein dhua aur sanson mein gubar bhara hai
Bheed ke tamaam chehro par muskan to bani hai
Lekin dilon mein zakham jada aur sukun zara hai 🙃💯

हर ओर उलझन और खामोशियों का शोर है
आँखों में धुँआ और साँसों में गुबार भरा है 
भीड़ के तमाम चेहरों पर मुस्कान तो बनी है 
लेकिन दिलों में ज़ख्म ज्यादा और सुकून जरा है 🙃💯

Divyansh Sharma

पेशे से पत्रकार और मेरे शब्द ही मेरी पूंजी है । मैं उस दौर का लेखक हूँ।जिस दौर में सिर्फ भावनाएँ ही आहत होती है