इश्क़ मुकम्मल नहीं हुआ तो क्या हुआ
अधूरी ख़्वाहिशें मेरे दिल में ज़िंदा तो हैं
क्या हुआ जो आधा अधूरा मैं रह गया
उससे मेरी शायरी और गज़लें पूरी तो हैं
Enjoy Every Movement of life!
इश्क़ मुकम्मल नहीं हुआ तो क्या हुआ
अधूरी ख़्वाहिशें मेरे दिल में ज़िंदा तो हैं
क्या हुआ जो आधा अधूरा मैं रह गया
उससे मेरी शायरी और गज़लें पूरी तो हैं
je apni mehfila laa ke v
saadiyaa galla karniyaa
fer saade naal hi baith lyaa kar
ਜੇ ਆਪਣੀ ਮਹਫ਼ਿਲਾਂ ਲਾ ਕੇ ਵੀ
ਸਾਡੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਕਰਨੀਆ
ਫੇਰ ਸਾਡੇ ਨਾਲ ਹੀ ਬੈਠ ਲਿਆ ਕਰ