इस ग़म के सवेरे में अजीब सा साया है,
दरवाज़े पर मेरे इक फकीर आया है,
उसे भूख है, मुझे अंधेरों ने खाया है,
जो था सब उसे नज़र कैसे ना करता,
वो मेरे लिए मुट्ठी भर रौशनी लाया है…🍂
Enjoy Every Movement of life!
इस ग़म के सवेरे में अजीब सा साया है,
दरवाज़े पर मेरे इक फकीर आया है,
उसे भूख है, मुझे अंधेरों ने खाया है,
जो था सब उसे नज़र कैसे ना करता,
वो मेरे लिए मुट्ठी भर रौशनी लाया है…🍂
Beparwahiya karda jo rabba ve staundiya
Marziya eh teriyan sanu nahio bhaundiya..!!
ਬੇਪਰਵਾਹੀਆਂ ਕਰਦਾ ਜੋ ਰੱਬਾ ਵੇ ਸਤਾਉਂਦੀਆਂ
ਮਰਜ਼ੀਆਂ ਇਹ ਤੇਰੀਆਂ ਸਾਨੂੰ ਨਹੀਓ ਭਾਉਂਦੀਆਂ..!!