तेरे घर का पता मालूम है
पर हम वहा कभी नही जाते है
तेरी याद जब भी बोहोत ज्यादा आए
तेरे गांव से तेरी खुशबू ले आते है
Enjoy Every Movement of life!
तेरे घर का पता मालूम है
पर हम वहा कभी नही जाते है
तेरी याद जब भी बोहोत ज्यादा आए
तेरे गांव से तेरी खुशबू ले आते है
सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें,
किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें,
फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा,
तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें।🥺