*गुजर रही है ये जिंदगी बड़े ही नाज़ुक दौर से ..*
*मिलती नहीं तसल्ली तेरे सिवा किसी और से..*
*गुजर रही है ये जिंदगी बड़े ही नाज़ुक दौर से ..*
*मिलती नहीं तसल्ली तेरे सिवा किसी और से..*
हमें सफलता से प्रेम करने की आवश्यकता है। हम सब सफलता हासिल तो करना चाहते है लेकिन दूसरों की सफलताओं से ईर्ष्या भी करते हैं। यह तो वही बात हुई कि हम सफल होने के बारे में, कामयाबी के विषय में केवल सोचते हैं कोई एक्शन नहीं ले रहे हैं। वास्तव में हम दूसरों की सफलताओं से प्रेरणा लेने की तुलना में जलन की भावना से ज्यादा पीड़ित रहते हैं। नियम है सफलता ही सफलता को आकर्षित करती है। इसके लिए हमें सफलता से प्रेम करने की जरूरत है। किसी को आगे बढ़ते देख खुश होना एक सफल और संतुष्ट व्यक्ति की पहचान होती है। एक सच्चा विजेता ही दूसरे विजेता को सम्मान दे सकता हैं। इंसान के रूप में हमें जीवन को सरल और सौहार्द्र के साथ व्यतीत करने की आवश्यकता है।
हमें स्वयं ही प्रयास करना होगा कोई और हमारी सहायता नहीं कर सकता। हमें खुद को विकसित करने की आवश्यकता है।
roya na kar dila
eh taa mohobat da dastoor hai
jina nu asi apne ton wad chahun lag jande ha
fer ohnu kade na kade chhadna painda ae
ਰੋਯਾ ਨਾਂ ਕਰ ਦਿਲਾਂ
ਏਹ ਤਾਂ ਮਹੋਬਤ ਦਾ ਦਸਤੂਰ ਹੈ
ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਅਸੀਂ ਆਪਣੇ ਤੋਂ ਵਦ ਚਾਹੁੰਣ ਲੱਗ ਜਾਂਦੇ ਹਾਂ
ਫੇਰ ਓਹਨੂੰ ਕਦੇ ਨਾਂ ਕਦੇ ਛਡਣਾ ਪੇਂਦਾ ਐਂ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷