उनके बारे में सोचूं, तो सोच में सुबह से शाम करदूँ..
मेरी दोस्ती कुबूल है उन्हें, क्या ये ज़िक्र शरेआम करदूँ..
अभी कहदूँ या रुकुं थोडा, जो मेरे दिल में बातें हैं..?
मेरा बस चले तो अपनी मुस्कान का कुछ हिस्सा, मैं उनके नाम करदूँ..
Enjoy Every Movement of life!
उनके बारे में सोचूं, तो सोच में सुबह से शाम करदूँ..
मेरी दोस्ती कुबूल है उन्हें, क्या ये ज़िक्र शरेआम करदूँ..
अभी कहदूँ या रुकुं थोडा, जो मेरे दिल में बातें हैं..?
मेरा बस चले तो अपनी मुस्कान का कुछ हिस्सा, मैं उनके नाम करदूँ..
ना कोई गुनाह किया , ना कोई मुकदमा हुआ..!
ना अदालत सजाई गई, ना कोई दलिले हुई..!
किस किस से मांगे हम गवाही वफ़ा कि !
उसने छोड़ा भरे बाज़ार हमे, ये ज़माना जानता है!
ਇੱਕ ਗੱਲ ਦੱਸਾ ਬਾਬੇ ਦਿਲ ਨੂੰ ਥੋੜ੍ਹਾ ਕਾਬੂ ਚ ਰੱਖ
ਕਿਉਕਿ ਇਹ ਆਸ਼ਕੀ ਕਈ ਕਿਸਮਾਂ ਦੀ ਏ,
ਆ ਜਿਹੜਾ ਜਣੇ ਖਣੇ ਦੀਆ ਅੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਤੈਨੂੰ ਪਿਆਰ ਦਿਖਦਾ ਹੈ ਨਾ,
ਅਸਲ ਵਿੱਚ ਇਹ ਪਿਆਰ ਨੀ ਇਹਤਾਂ ਭੁੱਖ ਜਿਸਮਾਂ ਦੀ ਏ