*लखनऊ* की शाम थी, पर *तन्हा* थे हम ।
*मुमकिन* होता तुम मेरे होते तो *साथ* होते हम ।।
❤🔥❤🔥❤🔥
Enjoy Every Movement of life!
*लखनऊ* की शाम थी, पर *तन्हा* थे हम ।
*मुमकिन* होता तुम मेरे होते तो *साथ* होते हम ।।
❤🔥❤🔥❤🔥
बेअसर हो रही सब दुआए मेरी
जिंदगी जाने क्या सिलसिला दिखा रही है ,
जिसके लिए मांगी खुदा से खुशिया
वो ही धीरे-धीरे दिल को जला रही है।
इंतज़ार किया घंटो उसका
क्या मालूम था वो किसी ओर से मिलके आ रही है ,
मिलने के बहाने ढूंढती थी जो बार बार
यार वो लड्की आँख मिलने से घबरा रहि रही है ।
