सादगी हमारी हमसे है,
हम क्यूं बदल जाएं हजारों का रुख़ देखकर...
बदलने वाले किसी के अपने नहीं होते,
वो तो यूं ही बदल जाते हैं
नजारों का रुख़ देखकर...
सादगी हमारी हमसे है,
हम क्यूं बदल जाएं हजारों का रुख़ देखकर...
बदलने वाले किसी के अपने नहीं होते,
वो तो यूं ही बदल जाते हैं
नजारों का रुख़ देखकर...
Bhul ja hun mainu tu bhawe yaad rakh
painge bhulekhe tainu
yaad rakh
ਭੁੱਲ ਜਾ ਹੁਣ ਮੈਨੂੰ ਤੂੰ ਭਾਂਵੇ ਯਾਦ ਰੱਖ
ਪੈਣਗੇ ਭੁਲੇਖੇ ਤੈਨੂੰ
ਯਾਦ ਰੱਖ
इक झील मिली है, एक झरने के बाद
बस कुछ ही दूर घर से,गुज़रने के बाद
ये समझा रहे हैं, की खतरा है मुझको
वो भी आधे से ज़्यादा, उतरने के बाद
फिर सूखी आंख लेकर,लौट आया मैं
अपने वही पे सारे आंसू,धरने के बाद
मेरे चार दर्द भी, ना संभाले गए उससे
ये झरना भर गया,आंसू भरने के बाद
अरे तुम भी कहां सुनोगे, बाते हमारी
हम भी समझे थे,इश्क़ करने के बाद
मेरी हिम्मत को,देखा कैसे जाए बोलो
लोग हमे भी डरा रहे हैं, डरने के बाद
के कुछ खड़े होते हैं कैसे, तनके देखो
मेरे सामने से मुंह पर, मुकरने के बाद