हटा ली आइने से धूल ए ग़ालिब,
अब दामन मैला सा लगता है,
रूह तो नापाक थी ही,
अब आंगन भी मैला सा लगता है,
देखना ज़रूर के परिंदे भी छोड़ जायेंगे
बसेरा अपना उस दर से,
जिस दर पर मोहब्बत का मेला भी,
मैला सा लगता है...
हटा ली आइने से धूल ए ग़ालिब,
अब दामन मैला सा लगता है,
रूह तो नापाक थी ही,
अब आंगन भी मैला सा लगता है,
देखना ज़रूर के परिंदे भी छोड़ जायेंगे
बसेरा अपना उस दर से,
जिस दर पर मोहब्बत का मेला भी,
मैला सा लगता है...
Log kehte hai andhere mein akelepan ko dekha hai
Unse kaho ke humne usi andhere mein,
Sitaron ko chamakte huye dekha hai..🍂
लोग कहते है अंधेरे मे अकेलपन को देखा है,
उनसे कहो की हमने उसी अंधेरे मे ,
सितारो को चमकते हुए देखा है..🍂
Mehnat krde aa kde gallan naal Saar de nhi
Rabba roti rukhi hi khwa jyi
Sat pkwan asi bhal de ni🙏
ਮਿਹਨਤ ਕਰਦੇ ਆ ਕਦੇ ਗੱਲਾਂ ਨਾਲ ਸਾਰਦੇ ਨਹੀਂ
ਰੱਬਾ ਰੋਟੀ ਰੁੱਖੀ ਹੀ ਖਵਾਈ ਜਾਈਂ
ਸੱਤ ਪਕਵਾਨ ਅਸੀਂ ਭਾਲਦੇ ਨਹੀਂ🙏