हटा ली आइने से धूल ए ग़ालिब,
अब दामन मैला सा लगता है,
रूह तो नापाक थी ही,
अब आंगन भी मैला सा लगता है,
देखना ज़रूर के परिंदे भी छोड़ जायेंगे
बसेरा अपना उस दर से,
जिस दर पर मोहब्बत का मेला भी,
मैला सा लगता है...
Enjoy Every Movement of life!
हटा ली आइने से धूल ए ग़ालिब,
अब दामन मैला सा लगता है,
रूह तो नापाक थी ही,
अब आंगन भी मैला सा लगता है,
देखना ज़रूर के परिंदे भी छोड़ जायेंगे
बसेरा अपना उस दर से,
जिस दर पर मोहब्बत का मेला भी,
मैला सा लगता है...

Tere toh hatt keh nazar kise hor tah nah hoyi,
Jeh ajj tu meri ta Kal kise hor di nah hoyi ❤️
ਤੇਰੇ ਤੋਂ ਹਟ ਕੇ ਨਜ਼ਰ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਥਾਂ ਨਾ ਹੋਈ
ਜੇ ਅੱਜ ਤੂੰ ਮੇਰੀ ਤਾਂ ਕੱਲ੍ਹ ਕਿਸੇ ਹੋਰ ਦੀ ਨਾ ਹੋਈ ❤️