ਦਰਦ ਹੰਜੂਆਂ ਦਾ || card hanjhuyan da || sad shayari was last modified: December 27th, 2022 by Manpreet Singh
👧 *बाँझपन एक कलंक क्यों ???*👧
एक औरत माँ बने तो जीवन सार्थक
अगर माँ न बने तो जीवन ही निरथर्क,
किसने कहा है ये, कहाँ लिखा है ये,
कलंकित बोल-बोल जीवन बनाते नरक।
बाँझ बोलकर हर कोई चिढ़ाते,
शगुन-अपशगुन की बात समझाते।
बंजर ज़मीं का नाम दिया है मुझे,
पीछे क्या, सामने ही मेरा मज़ाक़ उड़ाते।
ममत्व का पाठ मैं भी जानती,
हर बच्चे को अपना मानती,
कोख़ से जन्म दूँ, ज़रूरी नहीं,
लहू का रंग मैं भी पहचानती।
आँचल में मेरे है प्यार भरा,
ममता की मूरत हूँ देख ज़रा,
क़द्र जानूँ मैं बच्चों की,
नज़र से मुझे ज़माने न गिरा।
कलंक नहीं हूँ इतना ज़रा बता दूँ,
समाज को एक नया पाठ सीखा दूँ,
बच्चा न जन्म दे सकी तो क्या,
समाज पे बराबर का हक़ मैं जता दूँ।
समाज पे बराबर का हक़ मैं जता दूँ।
Har kise nu onni hi jgah deyo dil vich jinni oh tuhanu dinda hai
Nhi taan khud rowoge ya oh tuhanu rulayega 🙌
ਹਰ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਓਨੀ ਹੀ ਜਗ੍ਹਾ ਦਿਓ ਦਿਲ ਵਿਚ ਜਿੰਨੀ ਓਹ ਤੁਹਾਨੂੰ ਦਿੰਦਾ ਹੈ
ਨਹੀਂ ਤਾਂ ਖੁੱਦ ਰੋਵੋਗੇ ਜਾਂ ਉਹ ਤੁਹਾਨੂੰ ਰੁਲਾਏਗਾ🙌