ना तेरे लबों से छुई
ना मेरे माथे को लगी
अब के सावन भी प्यासी
तेरे मेरे इश्क़ की जमीं🍂।।
ना तेरे लबों से छुई
ना मेरे माथे को लगी
अब के सावन भी प्यासी
तेरे मेरे इश्क़ की जमीं🍂।।
आजकल तुम्हारे बिना मुझे
कुछ भी अच्छा नहीं लगता है
जिधर भी देखु एकलौता मुझे
तुम्हारा ही चेहरा नजर आता है।
तू न दुनिया सी बन गयी हो मेरी ,
बस गुजारिस है तुमसे
की तुम दुनिया की तरह न हो जाना।
ठहरी हुयी सी मेरी
एक शाम हो गए हो तुम
बस गुजारिस है तुमसे
की तुम कहि ढल मत जाना
क्योकि तुमसे आगे मैंने
देखना अब छोड़ दिया है
तुम तक ही है मेरा अब जो भी है
बिन तुम्हारे भी चलना
मैंने अब छोड़ दिया है
तरुण चौधरी
tu mil gaee hai to mujh pe naaraaj hai khuda,
kahata hai kee tu ab kuchh maangata nahin hai…
तु मिल गई है तो मुझ पे नाराज है खुदा,
कहता है की तु अब कुछ माँगता नहीं है… 😘🥰🥰