इश्क़ मुकम्मल नहीं हुआ तो क्या हुआ
अधूरी ख़्वाहिशें मेरे दिल में ज़िंदा तो हैं
क्या हुआ जो आधा अधूरा मैं रह गया
उससे मेरी शायरी और गज़लें पूरी तो हैं
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इश्क़ मुकम्मल नहीं हुआ तो क्या हुआ
अधूरी ख़्वाहिशें मेरे दिल में ज़िंदा तो हैं
क्या हुआ जो आधा अधूरा मैं रह गया
उससे मेरी शायरी और गज़लें पूरी तो हैं
Unke husn ka aalam na poochhiye
bas tasveer ho gya hu, tasveer dekhkar
उनके हुस्न का आलम न पूछिये,
बस तस्वीर हो गया हूँ, तस्वीर देखकर
Pachtayi bahot us k darwaze par dastak de kar
dard ki inteha ho gai jab uss ne poocha kon ho tum