जिंदगी एक सफर है, चलते रहो,…….
कुछ खावोगे कुछ पाओगे,
हर लम्हे मे कुछ नया सीख जाओगे,
संघर्षो से ही बढ़ी है दुनिया,
मेहनत से ही बहुत कुछ कर जाओगे
छोड़ के सारी महफ़िल तुम नित्य कर्म करते रहो…
जिंदगी एक सफर है, चलते रहो
चलते रहो…..
कुछ खावोगे कुछ पाओगे,
हर लम्हे मे कुछ नया सीख जाओगे,
संघर्षो से ही बढ़ी है दुनिया,
मेहनत से ही बहुत कुछ कर जाओगे
छोड़ के सारी महफ़िल तुम नित्य कर्म करते रहो…
जिंदगी एक सफर है, चलते रहो
चलते रहो…..
न हम साथ चल प् रहे हैं
न ही हम दूर हो प् रहे हैं
और न ही खवाबो को छोड़ प् रहे हैं
न ही हकीकत में बदल पा रहे है
सबकुछ होते हुए भी
हमारे बीच खाली सा लगता है
न जाने क्यों ये रिस्ता हमारा
बिखड़ा सा लगता है
दोनों एकदूसरे के एकदम अपोजिट हैं
कुछ भी सिमिलर नहीं है तुम्हारे बीच
हम चाहते कुछ और हैं होता कुछ र है
न जाने ये ज़िंदगी कहा ले जा रही है हमे
मैं तुमसे बहुत कुछ कहना चाहती हु
पर कह नहीं प् रही हु
वो आसमन मै फैला उजाला है,
या मेरे घुस्से पर लगा ताला|
वो पहाडो की चोटी पर सुरज की किरण है,
या जिंदगी सही जिने का आचरण|
वो ना हो तो वर्णमाला अधुरी है,
वो जो सबसे ज्यादा जरुरी है|
डाटता हु तो चुप हो जाती है,
फिर मेरी गोद मै आ कर सिसककर रोती है|
वो मुझसे मेहेंगे तौफे या खिलोने नही चाहती,
वो तो बस कुछ वक्त मेरे साथ बिताना चाहती है|
लोग केहते है बेटिया तो पराया धन होती है,
पर एक बाप से पूछो वो उसके जिनेका मकसद होती है|
बेटीया तो सिर्फ बेटीया होती है|