ज़िन्दगी के सफ़र में
मुसाफिर चलता गया
जैसा रब ने चाहा
वैसा सफर कटता गया
मुसाफिर आगे बढ़ते रहे
और मंज़िल का रास्ता घटता गया💯
Enjoy Every Movement of life!
ज़िन्दगी के सफ़र में
मुसाफिर चलता गया
जैसा रब ने चाहा
वैसा सफर कटता गया
मुसाफिर आगे बढ़ते रहे
और मंज़िल का रास्ता घटता गया💯
नज़र भी तलाशे किसी डगर पर खड़ा, कोई हमसफ़र काश मुझे मिल जाए..
जिसके साथ शुरू मैं करलूँ आखिर, नया जिदगी का कोई सफर मिल जाए..
कहीं अटकूं जो गर किसी राह पर, हाथों से हाथ इस कदर मिल जाए..
हमें भी हमारी जिंदगी में कोई ऐसा, निगेबान हमकदर मिल जाए..
रूह ही रूह को जानती है
रूह की रूह से प्रीत
रूह की रूहदारी में
रूह है रूह की मीत
रूह झूमे❤️
रूह बाबरी
रूह की अद्भुत रीत❤️
#मन
Mann✍️