ज़िन्दगी के सफ़र में
मुसाफिर चलता गया
जैसा रब ने चाहा
वैसा सफर कटता गया
मुसाफिर आगे बढ़ते रहे
और मंज़िल का रास्ता घटता गया💯
ज़िन्दगी के सफ़र में
मुसाफिर चलता गया
जैसा रब ने चाहा
वैसा सफर कटता गया
मुसाफिर आगे बढ़ते रहे
और मंज़िल का रास्ता घटता गया💯
Kisne bheegi hui zulfo se ye jhatka Pani
Pani sharmake hua jata hai Pani Pani😍
किसने भीगी हुई जुल्फों से ये झटका पानी
पानी शर्माके हुआ जाता है पानी पानी😍
महर-ओ- वफ़ा की शमआ जलाते तो बात थी
इंसानियत का पास निभाते तो बात थी
जम्हूरियत की शान बढ़ाते तो बात थी
फ़िरक़ा परस्तियों को मिटाते तो बात थी
जिससे कि दूर होतीं कुदूरत की ज़ुल्मतें
ऐसा कोई चराग़ जलाते तो बात थी
जम्हूरियत का जश्न मुबारक तो है मगर
जम्हूरियत की जान बचाते तो बात थी
ज़रदार से यह हाथ मिलाना बजा मगर
नादार को गले से लगाते तो बात थी
बर्बाद होने का तो कोई ग़म नहीं मगर
अपना बनाके मुझको मिटाते तो बात थी
हिंदुस्तान की क़सम ऐ रेख़्ता हूँ ख़ुश
पर मुंसिफ़ी की बात बताते तो बात थी