तू सुन मेरी मंजिल
लोगों के हाथ में है खंजर🗡️
बहार से जो दिख रहा है
वह नहीं है उनके अंदर💔
Manisha mann🖊️
तू सुन मेरी मंजिल
लोगों के हाथ में है खंजर🗡️
बहार से जो दिख रहा है
वह नहीं है उनके अंदर💔
Manisha mann🖊️
Dekh tu meri Muhabbat tak nhi Sambhal paya
Aur mai teri nafratt ko aaj bhi Sambhale rakhe hu
कहीं देखा हैं तुमने उसे
जो मुझे सताया करता था
जब भी उदास होती थी मैं
मुझे हँसाया करता था
एक प्यार भरा रिश्ता था वो मेरा
जो मुझे अब भी याद आता हैं
खो गया वक्त के भँवर में कहीं
जो हर पल मेरे साथ होता था
आज एक अजनबी की तरह हाथ मिलाता हैं
जो छोटी से छोटी बात मुझे बताया करता था
कहीं मिले वो किसी मोड़ पर
तो उसे मेरा संदेशा देना
कोई है जो आज भी उसका इंतजार कर रहा है
जिसे वो मेरा सच्चा साथी बोला करता था.