तेरी यादों के साये ,
मुझे घेरे रहते हैं,
ना दिन को चैन,
ना रात में सोने देते हैं।
तेरी यादों के साये ,
मुझे घेरे रहते हैं,
ना दिन को चैन,
ना रात में सोने देते हैं।
Din guzar gye kayi saal beet gye
Par oh yaadan ove hi rahiya
Socha vich khubhiya te dil vich dafan..!!
ਦਿਨ ਗੁਜ਼ਰ ਗਏ ਕਈ ਸਾਲ ਬੀਤ ਗਏ
ਪਰ ਉਹ ਯਾਦਾਂ ਓਵੇਂ ਹੀ ਰਹੀਆਂ
ਸੋਚਾਂ ਵਿੱਚ ਖੁੱਭੀਆਂ ਤੇ ਦਿਲ ਵਿੱਚ ਦਫ਼ਨ..!!
शाम बीती और रात हुई, गमों की फिर बरसात हुई..
तुझे भुलने को फिर से जाम पिया, गलती फिर मेरे हाथ हुई..
फिर से बहक गए लफ्ज मेरे, लफ्जों पे फिर से दात हुई..
दिलजले थे वहां कई मुझ जैसे, उनकी भी इश्क में मात हुई..
वही एक तरह का हर किस्सा, इश्क की भी भला कोई जात हुई..
हर कहानी ख़ुशी से शुरू हुई, ख़तम आंसुओं के साथ हुई..
महफिल को छोड़ चले घर की ओर, तन्हाई से फिर मुलाकात हुई..
तेरी याद बढ़ गई हर जाम के साथ, भला ये भी कोई बात हुई..