कितनी प्यारी बाते करती थी
जब वो हमारी बाते करती थी
वक्त लगा उसे खुलने में पर
फिर वो बाते सारी करती थी
और दिन बन जाता था हमारा
जब वो मीठी सी प्यारी करती थी
कितनी प्यारी बाते करती थी
जब वो हमारी बाते करती थी
वक्त लगा उसे खुलने में पर
फिर वो बाते सारी करती थी
और दिन बन जाता था हमारा
जब वो मीठी सी प्यारी करती थी
Unke husn ka aalam na poochhiye
bas tasveer ho gya hu, tasveer dekhkar
उनके हुस्न का आलम न पूछिये,
बस तस्वीर हो गया हूँ, तस्वीर देखकर
सौ ख्वाबों को मिला के एक ख्वाब देख रखा है ,
ज़िंदगी ने जाने फिर भी क्या हिसाब रखा है ,
तू मशरुफ़ है तेरी अहमत में,
और मैंने तेरे इंतज़ार को संभाल रखा है ।
माना दर्द की सौगात लाता है इश्क़ जाना ,
फिर भी मैंने अपनी मुलाकातों का गुलाब रखा है ,
तेरे साथ ही तो चल रहा है वजूद मेरा ,
तेरी यादों का मैंने एक तकियाँ भिगो रखा है ।
तेरा यू इंतज़ार करवाना ,मेरे दिल को खा जाता है ,
फिर भी तुझसे मिलने का अरमान सजा रखा है ,
कभी आओ खुल के सामने जो मेरे तुम तो दिखाऊ ,
टूटे दिल मे भी तेरे लिए एक महल सजा रखा है ।
………….अजय कुमार ।