न हम साथ चल प् रहे हैं
न ही हम दूर हो प् रहे हैं
और न ही खवाबो को छोड़ प् रहे हैं
न ही हकीकत में बदल पा रहे है
सबकुछ होते हुए भी
हमारे बीच खाली सा लगता है
न जाने क्यों ये रिस्ता हमारा
बिखड़ा सा लगता है
दोनों एकदूसरे के एकदम अपोजिट हैं
कुछ भी सिमिलर नहीं है तुम्हारे बीच
हम चाहते कुछ और हैं होता कुछ र है
न जाने ये ज़िंदगी कहा ले जा रही है हमे
मैं तुमसे बहुत कुछ कहना चाहती हु
पर कह नहीं प् रही हु