*लखनऊ* की शाम थी, पर *तन्हा* थे हम ।
*मुमकिन* होता तुम मेरे होते तो *साथ* होते हम ।।
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*लखनऊ* की शाम थी, पर *तन्हा* थे हम ।
*मुमकिन* होता तुम मेरे होते तो *साथ* होते हम ।।
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वो भी हमको मिल गया है क्या सितम है,
ग़म ही ग़म है क्या ही क्या है क्या सितम है।
देख ले इक मर्तबा तेरी तरफ़ जो,
रात दिन मांगे दुआ है क्या सितम है।
ज़िंदगी मेरी कहीं बस बीत जाए
बे वफ़ा तो हो गया है क्या सितम है।
इश्क़ तेरा अब जहर सा हो गया है,
वो जहर ही अब दवा है क्या सितम है।
आज कल घर से निकलते ही नहीं हो,
यार तुमको क्या हुआ है क्या सितम है।
chal kujh nawaa kita jawe
dard puraaneyaa nu fir seeta jawe
karda rahi hisaab darda da
sajjna nu v taa baad ch kujh fer daseyaa jawe
ਚੱਲ ਕੁਝ ਨਵਾਂ ਕਿੱਤਾ ਜਾਵੇਂ
ਦਰਦ ਪੁਰਾਣਿਆ ਨੂੰ ਫਿਰ ਸਿਤਾ ਜਾਵੇਂ
ਕਰਦਾ ਰਹੀ ਹਿਸਾਬ ਦਰਦਾ ਦਾ
ਸੱਜਣਾ ਨੂੰ ਵੀ ਤਾਂ ਬਾਦ ਚ ਕੁਝ ਫੇਰ ਦੱਸਿਆ ਜਾਵੇ
—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷