सादगी हमारी हमसे है,
हम क्यूं बदल जाएं हजारों का रुख़ देखकर...
बदलने वाले किसी के अपने नहीं होते,
वो तो यूं ही बदल जाते हैं
नजारों का रुख़ देखकर...
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सादगी हमारी हमसे है,
हम क्यूं बदल जाएं हजारों का रुख़ देखकर...
बदलने वाले किसी के अपने नहीं होते,
वो तो यूं ही बदल जाते हैं
नजारों का रुख़ देखकर...
Hai tan bilkul oh chann di tarah
noor v aina, magroor v aina
te mere ton door v aina
ਹੈ ਤਾਂ ਬਿਲਕੁਲ ਉਹ ਚੰਨ ਦੀ ਤਰਾਂ
ਨੂਰ ਵੀ ਐਨਾ, ਮਗਰੂਰ ਵੀ ਐਨਾ
ਤੇ ਮੇਰੇ ਤੋਂ ਦੂਰ ਵੀ ਐਨਾ