हटा ली आइने से धूल ए ग़ालिब,
अब दामन मैला सा लगता है,
रूह तो नापाक थी ही,
अब आंगन भी मैला सा लगता है,
देखना ज़रूर के परिंदे भी छोड़ जायेंगे
बसेरा अपना उस दर से,
जिस दर पर मोहब्बत का मेला भी,
मैला सा लगता है...
Enjoy Every Movement of life!
हटा ली आइने से धूल ए ग़ालिब,
अब दामन मैला सा लगता है,
रूह तो नापाक थी ही,
अब आंगन भी मैला सा लगता है,
देखना ज़रूर के परिंदे भी छोड़ जायेंगे
बसेरा अपना उस दर से,
जिस दर पर मोहब्बत का मेला भी,
मैला सा लगता है...
Waqt disda tan nahi par dikha bahut kujh janda hai
ਵਕ਼ਤ ਦਿੱਸਦਾ ਤਾਂ ਨਹੀਂ ਪਰ ਦਿਖਾ ਬਹੁਤ ਕੁਝ ਜਾਂਦਾ ਹੈ
Ab mohabbat hai ya nafrat isse mat jataya Karo Baat ko Karo khatam, Jo Dil mae hai Usse zuban pe laya karo
अब मोहब्बत है या नफ़रत इससे मत जताया करो
बात को करो ख़तम, जो दिल में है उससे ज़ुबान पे लाया करो