Tumhe lagta tha ki me jaanta kush bhi nahi
mujhe pata tha ki raasta badal rahe ho tum
तुम्हें लगता था की मैं जानता कुछ भी नहीं,
मुझे पता था की रास्ता बदल रहे हो तुम।
Tumhe lagta tha ki me jaanta kush bhi nahi
mujhe pata tha ki raasta badal rahe ho tum
तुम्हें लगता था की मैं जानता कुछ भी नहीं,
मुझे पता था की रास्ता बदल रहे हो तुम।
उल्टे सीधे सपने पाले बैठे हैं
सब पानी में काँटा डाले बैठे हैं
इक बीमार वसीयत करने वाला है
रिश्ते नाते जीभ निकाल बैठे हैं
बस्ती का मामूल पे आना मुश्किल है
चौराहे पर वर्दी वाले बैठे हैं
धागे पर लटकी है इज़्ज़त लोगों की
सब अपनी दस्तार सँभाले बैठे हैं
साहब-ज़ादा पिछली रात से ग़ायब है
घर के अंदर रिश्ते वाले बैठे हैं
आज शिकारी की झोली भर जाएगी
आज परिंदे गर्दन डाले बैठे हैं
ना उन्होंने हाल पूछा
ना हमसे बताया गया
एक झूठ था सच जैसा
सारी उमर हमे बताया गया
और जब मुकम्मल मार ना सके हमे वो
तब एक ठीक ठाक लड़के को पागल बताया गया….