
bhi meri mohobat se khud
ko tu na bacha saki
arey mujhse bewafayi
karke bhi tujhe kuch mila nahi
par kisi aur se dil laga ke bhi tu kuch na paa saki
Jo chale gaye yaad baar baar na kareya kar..!!
Ohna mud ke nahi auna intezaar na kareya kar..!!
ਜੋ ਚਲੇ ਗਏ ਯਾਦ ਬਾਰ ਬਾਰ ਨਾ ਕਰਿਆ ਕਰ..!!
ਉਹਨਾਂ ਮੁੜ ਕੇ ਨਹੀਂ ਆਉਣਾ ਇੰਤਜ਼ਾਰ ਨਾ ਕਰਿਆ ਕਰ..!!
वो मेरे चर्चे गुफ्तगू के बहाने से सबसे करते हैं,
ये जान के भी हम इस बात से हर पल मरते हैं,
जिन अपनो को के लिए सीने में मोहब्बत थी,
उनके अब हम पास गुजरने से भी बहुत डरते हैं,
मुझे कैद करके कितना जीने दे सकोगे तुम भला,
देखो कितनी शिद्दत से हम मौत की दुआ पढ़ते हैं,
मेरी जान को गुनाहों से तौल कर क्या पा लोगे,
मेरे हर्फ़ के वजन से गुनाह अक्सर बदलते हैं ,
उर्दू का कोई शायर होता मैं लफ्ज़ संभाल लेता,
गोया अगर होते तो लफ्ज़ न गिरते, न इतना संभलते।