
bhi meri mohobat se khud
ko tu na bacha saki
arey mujhse bewafayi
karke bhi tujhe kuch mila nahi
par kisi aur se dil laga ke bhi tu kuch na paa saki
Samundra naal ki mel nadiyaa nehraa da
aithe mul milda ni jigraa bazaara
ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਨਾਲ ਕਿ ਮੇਲ ਨਦੀਆਂ ਨਹਿਰਾਂ ਦਾ
ਐਥੇ ਮੁੱਲ ਮਿਲਦਾ ਨੀ ਜ਼ਿਗਰਾ ਬਜ਼ਾਰਾਂ
✍️ਗਿੱਲ ਗਦਰਾਣੇ ਆਲਾ
*क्षमा दान की शक्ति*
आखिर मैं एक इंसान हूँ,पर आप तो हो भगवान।
जो भी होता है नियति है,नहीं पता मुझे परिणाम।
मैंने जो अब तक कि गलती,जो आगे करने वाला हूँ।
हे प्रभु! आज अतिरिक्त में,मुझको दे दो क्षमा दान।
आपने जो भी है दिया सबको, उसमें रहना सन्तुष्ट सभी।
स्वार्थ और ईर्ष्यावश में,नहीं होना है पथभ्रष्ट कभी।
इंसान गलतियों का पुतला,हो सका कभी परिपूर्ण नहीं।
फिर मद में अन्धा होकर वो,भूल जाता ही है गलत सही।
पर आप दया के सागर हो,करुणा के हो भंडार प्रभु।
सब के मन से द्वेष को करके दूर, आप सब मे भर दो प्यार प्रभु!
सब जीव आपकी संताने,न करें कोई भी भेदभाव।
बन जाओ सब मन से उदार,करें क्षमा द्वेष का हो अभाव।
सच्चे मन से करे प्रायश्चित तो,प्रभु हर अपराध क्षमा कर जाते हैं।
आप सर्वशक्तिमान इसी कारण ही,सब के द्वारा कहलाते हैं।
सच में वो ही है शक्तिमान,जिसने है सब को माफ किया।
भूल के सारी बातों को ,हर किसी का है जो साथ दिया।