ਭਾਂਵੇ ਦਿਲ ਦੇ ਅੰਬਰ ਵਿੱਚ ਉਹ ਸਿਮਟ ਕੇ ਰਹਿ ਨਾ ਸਕੀ
ਪਰ ਮੇਰੀਆਂ ਯਾਦਾਂ ਤੋਂ
ਉਹ ਦੂਰ ਰਹਿ ਨਾ ਸਕੀ
Bhawe dil de ambar vich oh simat ke reh na saki
par meriyaan yaadan ton
oh door reh na saki
ਭਾਂਵੇ ਦਿਲ ਦੇ ਅੰਬਰ ਵਿੱਚ ਉਹ ਸਿਮਟ ਕੇ ਰਹਿ ਨਾ ਸਕੀ
ਪਰ ਮੇਰੀਆਂ ਯਾਦਾਂ ਤੋਂ
ਉਹ ਦੂਰ ਰਹਿ ਨਾ ਸਕੀ
Bhawe dil de ambar vich oh simat ke reh na saki
par meriyaan yaadan ton
oh door reh na saki
तू चलता चल ऐ बंदेया
माना मुश्किल , है सफ़र
पर जब साथ हो कोई हमदर्द
तो किस बात का डर
तू चलता चल ऐ बंदेया….
बपिस मुड़ना अब यहाँ से
माना है , जिस राह पर तू चला है
रुक , ठहर , खुद से खुद की लिए इजाज़त माँग,
फिरसे खड़कर , द्रिड होकर, चट्टान सा बनकर
तू चलता चल ऐ बंदेया…
तुझे रखना पड़ेगा खुद को प्रत्येक रूप से तयार
क्यूँकि इस संसार में ना रख सकते प्यार का , ना यार का ऐतबार
पर मुश्किल समय में ग़ैरों का हौंसला ज़रूर बनना मेरे यार
यहाँ आजकल कोन आता है छोड़कर अपना घर व्यापार
तू बुलंदियाँ छूता चल ऐ बंदेया ,तू चलता चल ऐ बंदेया ,
तू चलता चल ऐ बंदेया…….।
Laga Kar Aag Seeney Mein Chale Ho Tum Kahan
Abhi To Raakh Udne Do Tamasha Aur Bhi Hoga!