Skip to content

Adhoor ishq || hindi love poetry || shayari

यह अधूरा इश्क कब पूरा होगा
होगा भी जा अधूरा रहेगा
ना तुम आए ना पैगाम आया
तुम्हरे पैगाम का कब तक 
इंतजार रहेगा
कौन सी जगह है वोह 
जहा पर वोह सो गया
ना जाने कौन सी वोह गालियां है
जिस शहर की गलियों में खो गया

हम गलियों मै देख आए
ना गलियों मै वोह मिला
हम बात उसकी कर रहे
हमें छोड़ कर जो गया 
नाजने कौन सी वोह गालियां है
जिस शहर की गलियों में खो गया

हम पहचान बताते हैं उसकी
सफेद रंग और काले घने बाल है।
कहां रहते हैं वोह कोनसे गांव और शहर में
एकेले थे जा कोई नाल है।
काले रंग की पेंट और कमीज़ पहनते है।
एक हाथ मै डायरी और एक हाथ
मे कलम पकड़ कर रखते हैं।
उनकी चाहत सबसे ज्यादा डायरी से
और वोह डायरी को
सिने से जकड़ कर रखते है।
उनका नाम है हर्ष
जो शायरी करते थे
अब तो नाम उनका गुमनाम सा हो गया
ना जाने कौन सी वोह गालियां है
जिस शहर की गलियों में खो गया।

Title: Adhoor ishq || hindi love poetry || shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Eh vehm v kadeyaa jawe || punjabi shayari attitude

jikar na kita jaawe ohda
usdi har ik gal nu bhulaaeyaa jaawe
ohnu bhulekha hai bina mar jaange ohde
ohnu bhulaa ke eh veham v kadheyaa jawe

ਜ਼ਿਕਰ ਨਾ ਕਿਤਾ ਜਾਵੇ ਓਹਦਾ
ਓਸਦੀ ਹੱਰ ਇੱਕ ਗਲ਼ ਨੂੰ ਭੁਲਾਇਆਂ ਜਾਵੇ
ਓਹਨੂੰ ਭੁਲੇਖਾ ਹੈ ਬਿਨਾਂ ਮਰ ਜਾਣਗੇ ਓਹਦੇ
ਓਹਨੂੰ ਭੁਲਾ ਕੇ ਐਹ ਵੇਹਮ ਵੀ ਕਡਿਆ ਜਾਵੇ

—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ

 

 

 

Title: Eh vehm v kadeyaa jawe || punjabi shayari attitude


Kya waqt yeh mere darmiyaa hai

क्या वक्त ये मेरे दरमियां है,
किसी ने बताया नहीं मुझमें क्या कमियां है,
शाम की खुशियों में गम का अंधेरा क्यूं लाएं,
आज दिल की सुनकर बाहर निकला जाए...
कैद कर लिया है खुद को इन बेड़ियों में,
क्या फर्क है अब मुझमें और कैदियों में,
इन अंजान गलियों में आज थोड़ा फिसला जाए,
आज दिल की सुनकर बाहर निकला जाए...

Title: Kya waqt yeh mere darmiyaa hai