झपकियां ले लेकर थक चुकी है ज़िंदगी, आंखों को नींद का सहारा चाहिए और सपनों को उसकी बाहों का....
Enjoy Every Movement of life!
झपकियां ले लेकर थक चुकी है ज़िंदगी, आंखों को नींद का सहारा चाहिए और सपनों को उसकी बाहों का....
500rs मांगो तो 400rs देती है,
1 रोटी बोलो तो 2 रोटी देती है,
इधर आप बिल्कुल नहीं मारूंगी कहकर कुछ देती है बताओ वह कौन है?