तहजीब, लहज़ा, अदब,
अब तो सब किताबी नज़्म है,
बाज़ार में उतर देखना ग़ालिब,
ईमान की भी कीमत लगने लगी है...
Enjoy Every Movement of life!
तहजीब, लहज़ा, अदब,
अब तो सब किताबी नज़्म है,
बाज़ार में उतर देखना ग़ालिब,
ईमान की भी कीमत लगने लगी है...
Pani dareya ch howe ja akhan ch
Gehrayi te raaz dowa ch hunde aa…!
ਪਾਣੀ ਦਰਿਆ ਚ ਹੋਵੇ ਜਾਂ ਅੱਖਾਂ ਚ👀
ਗਹਿਰਾਈ ਤੇ ਰਾਜ ਦੋਵਾਂ ਚ ਹੁੰਦੇ ਆ ….!