खवाबों का एक दरिया लिए फिर रहा हु
पूरे होंगे एक डिब सब , एसी का इंतज़ार कर रहा हु ,
दिल्ल उदास चहरे पर हसी बरकरार है
जी हाँ , मैं अंदर ही अंदर मर रहा हूँ ।
देख दुनियाँ की तमाम शजीशे
यकीनन जो कर रहा हु सही कर रहा हूँ ।
खवाबों का एक दरिया लिए फिर रहा हु
पूरे होंगे एक डिब सब , एसी का इंतज़ार कर रहा हु ,
दिल्ल उदास चहरे पर हसी बरकरार है
जी हाँ , मैं अंदर ही अंदर मर रहा हूँ ।
देख दुनियाँ की तमाम शजीशे
यकीनन जो कर रहा हु सही कर रहा हूँ ।
अभी मुश्किल है, कैसे बताऊ के दिल में क्या चल रहा है..
एक अजीब से उलझन में हूँ, दिल मेरा जैसे के जल रहा है..
ना जाने परेशानी की वजह है क्या, बेचैनी बड़ी अजब सी है..
ये खुद मेरी समझ से बाहर है, कुछ तो है जो खल रहा है..
Ik geet yaara te likhna aa
hor kai visheyaa te likh laye ne
geetkaar kahaunda ajhkal me
tarja vich akhar banne sikh laye ne
ਇੱਕ ਗੀਤ ਯਾਰਾਂ ਤੇ ਲਿਖਣਾ ਆ
ਹੋਰ ਕਈ ਵਿਸ਼ਿਆਂ ਤੇ ਲਿਖ ਲਏ ਨੇ
ਗੀਤਕਾਰ ਕਹਾਉਂਦਾ ਅੱਜਕਲ੍ਹ ਮੈ
ਤਰਜਾ ਵਿਚ ਅੱਖਰ ਬੰਨ੍ਹਣੇ ਸਿੱਖ ਲਏ ਨੇ..!!
Harwinder likhari