Zindagi nu inna v sasta na banao
ke do kaudi da insaan
ohde naal khed k chla jawe
ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਨੂੰ ਐਨਾ ਵੀ ਸਸਤਾ ਨਾ ਬਣਾਓ
ਕਿ ਦੋ ਕੌੜੀ ਦਾ ਇਨਸਾਨ
ਉਹਦੇ ਨਾਲ ਖੇਡ ਕੇ ਚਲਾ ਜਾਵੇ
Zindagi nu inna v sasta na banao
ke do kaudi da insaan
ohde naal khed k chla jawe
ਜ਼ਿੰਦਗੀ ਨੂੰ ਐਨਾ ਵੀ ਸਸਤਾ ਨਾ ਬਣਾਓ
ਕਿ ਦੋ ਕੌੜੀ ਦਾ ਇਨਸਾਨ
ਉਹਦੇ ਨਾਲ ਖੇਡ ਕੇ ਚਲਾ ਜਾਵੇ
हजार बार माफ किया तुमने एक आखिरी दफा भी कर दो ना
दिल वीरान हो गया है तेरे जाने से एसे भर दो ना
तेरी खामोशिया पल-पल मारेगी मुझे
अपना समझ ही फिर अपना कर दो ना
लाख बुरा हूँ चाहे मैं
पर हूँ तो तेरा समझो ना ….. एक आखिरी दफा माफ करो दो ना ।
तुझसे दूर जाऊ भी तो जाऊ कैसे टूजसे मेरी रूह जुड़ गयी है
तुझे नाराज करके मेरी रूह मेरे जिस्म से उड़ गयी है ,
अपने गले लगा के कह दे की तू मेरी है
तुझे फिर देखने को मेरी आँख तरस गयी है ।