यादों की गलियों में मिलता है
तोड़ा हुआ दिल, टूटे हुए प्यार के टुकड़े, बिखरे हुए आशिक़ मिल।
बीते हुए लम्हों की मुस्कान बेताबी से चीरती है, प्यार की कहानी के सिलसिले को यादें उधार छीरती है।”
यादों की गलियों में मिलता है
तोड़ा हुआ दिल, टूटे हुए प्यार के टुकड़े, बिखरे हुए आशिक़ मिल।
बीते हुए लम्हों की मुस्कान बेताबी से चीरती है, प्यार की कहानी के सिलसिले को यादें उधार छीरती है।”
Aansu chupakar hasne ka tareeka dhund liya humne
Chup rehkar khush rehkar jeena sikh liya humne
Had hai logo ki ab bhi picha nhi chodte
Ab to mar mar kar jeena seekh liya humne
Aansu chupakar hasne ka tareeka dhund liya humne
आंसू छुपाकर हसने का तरीका डूंड लिया हमने
चुप रहकर खुस रहकर जीना सीख लिया हमने
हद है लोगो की अब भी पीछा नहीं छोड़ते
अब तो मर मर कर जीना सीख लिया हमने
आंसू छुपाकर हसने का तरीका डूंड लिया हमने…
दिवाली पर पापा को बोनस मिलता था तनख्वाह थोड़ी ज्यादा आती थी सबको मालूम था दिवाली पर भी नए कपड़े लेने के लिए पैसे गिनकर मिलते थे कोई अगर बीमार हो जाए तो वो नए कपड़े भी कैंसल हो जाते थे। बचपन से ही एडजस्ट करने की आदत लग जाती है ये आदत अच्छी हो होती है पर कभी कभी बुरी भी होती है। धीरे धीरे बड़े हुए तो पता था मम्मी पापा को कुछ बनकर दिखाना है ये ख्वाब साथ लेकर चला पर बाहर निकले घर से तो ये पता चला कि जो मेरा ख्वाब है वही सबका भी ख्वाब था सबको अपनी जिंदगी में मेरी तरह ही कुछ करना था। जैसे तैसे एक नौकरी लगी वो भी मेरी पसंद की नही थी पर पापा का हाथ बंटाने के लिए भी तो कुछ करना था अपने दिल को समझकर वो नौकरी कर ली मुझे नौकरी लगी ये सुनकर मम्मी पापा दोनो खुश हो जाए पापा की आखों से तो आंसू ही आ गए आंखो से निकलते आंसू भी उस दिन मुझसे बात कर रहे थे मानो वो ये कह रहे थे की अब मेरे कंधो का थोड़ा बोझ कम हुआ मेरे साथ कोई कमाने वाला आ गया। उस दिन से मैंने वो नौकरी ज्वाइन कर ली और उसकी भी आदत सी पड़ गई।