कुबूल ही क्यों किया तूने मेरा इश्क
जब तुझे था ही नहीं मुझसे प्यार|
बार बार दिल क्यों दुखाता है मेरा,
एक बार ही ज़ख्म दे देता यार||
–हिरल सिंह
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कुबूल ही क्यों किया तूने मेरा इश्क
जब तुझे था ही नहीं मुझसे प्यार|
बार बार दिल क्यों दुखाता है मेरा,
एक बार ही ज़ख्म दे देता यार||
–हिरल सिंह
Na hai koi mere pass esa
Jise mein apna dard suna saku
Poora din sochta rehta hun ke
Agar mil jaye koi mere jaisa
Jisse mein naya dil bana saku 💔
ना है कोई मेरे पास ऐसा
जिसे मैं अपना दर्द सुना सकु
पूरा दिन सोचता रहता हूं कि
अगर मिल जाए कोई मेरे जैसा
जिससे मैं नया दिल बना सकु💔