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Hiral Singh

Shayaro ki mehfil m bhi mera Naam hai….

Tu chhd ke gayi hai,

Kitno ki luti sham hai.

Jane kitno ke dil tode hai,

Tera yhi to ek Kaam hai.

Kehti thi kamyab na hoga kabhi;

Mere ishq ka imtihan lete the sabhi.

Arey ek dafa Nazar ghumake dekh meri jaan,

Ab to shayaro ki mehfil m bhi mera Naam hai….

Hiral Singh

Zakham de deta yaar || dard shayari

कुबूल ही क्यों किया तूने मेरा इश्क

जब तुझे था ही नहीं मुझसे प्यार|

बार बार दिल क्यों दुखाता है मेरा,

एक बार ही ज़ख्म दे देता यार||

हिरल सिंह

अगर वो हमें छोड़ जाएंगे |

वो कहते हैं आगे चलके हमें भूल जाएंगे|

शायद कभी जिंदगी में मिल ही नहीं पाएंगे||

कैसे गुजारेंगे हम जिंदगी उनके बिना,

अगर वो बीच राह में हमें यू छोड़ जाएंगे||

सोचा नहीं उन्होंने हमारे बारे में एक दफा,

 कि क्या होगा हमारा जब वे हमें भूल जाएंगे||

उन्होंने तो बड़ी आसानी से कह दी ये बात,

अब जरा उनसे कोई पूछो कि उनके बगैर हम कैसे रह पाएंगे||

Hiral Singh