Oh pathar kithon miluga dosto, jihnu lok dil te rakhke ik dujhe nu bhul jande
ਉਹ ਪੱਥਰ ਕਿੱਥੋਂ ਮਿਲੂਗਾ ਦੋਸਤੋ ,ਜੀਹਨੂੰ ਲੋਕ ਦਿਲ ਤੇ ਰੱਖਕੇ ਇੱਕ ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਭੁੱਲ ਜਾਂਦੇ ਆ॥
Oh pathar kithon miluga dosto, jihnu lok dil te rakhke ik dujhe nu bhul jande
ਉਹ ਪੱਥਰ ਕਿੱਥੋਂ ਮਿਲੂਗਾ ਦੋਸਤੋ ,ਜੀਹਨੂੰ ਲੋਕ ਦਿਲ ਤੇ ਰੱਖਕੇ ਇੱਕ ਦੂਜੇ ਨੂੰ ਭੁੱਲ ਜਾਂਦੇ ਆ॥
oh ejehi chahat c
jisnu me paa na sakeya
ik pal vich bhula gaye
jisnu me bhula na sakeya
ਉਹ ਅਜੇਹੀ ਚਾਹਤ ਸੀ
ਜਿਸਨੂੰ ਮੈਂ ਪਾ ਨਾ ਸਕਿਆ
ਇਕ ਪਲ ਵਿੱਚ ਭੁਲਾ ਗਏ
ਜਿਸਨੂੰ ਮੈਂ ਭੁਲਾ ਨਾ ਸਕਿਆ
जीवन में वह था एक कुसुम,
थे उस पर नित्य निछावर तुम,
वह सूख गया तो सूख गया;
मधुवन की छाती को देखो,
सूखीं कितनी इसकी कलियाँ,
मुरझाईं कितनी वल्लरियाँ जो
मुरझाईं फिर कहाँ खिलीं;
पर बोलो सूखे फूलों पर
कब मधुवन शोर मचाता है;
जो बीत गई सो बात गई!
जीवन में मधु का प्याला था,
तुमने तन-मन दे डाला था,
वह टूट गया तो टूट गया;
मदिरालय का आँगन देखो,
कितने प्याले हिल जाते हैं,
गिर मिट्टी में मिल जाते हैं,
जो गिरते हैं कब उठते हैं;
पर बोलो टूटे प्यालों पर
कब मदिरालय पछताता है!
जो बीत गई सो बात गई!
मृदु मिट्टी के हैं बने हुए,
मधुघट फूटा ही करते हैं,
लघु जीवन लेकर आए हैं,
प्याले टूटा ही करते हैं,
फिर भी मदिरालय के अंदर
मधु के घट हैं, मधुप्याले हैं,
जो मादकता के मारे हैं
वे मधु लूटा ही करते हैं;
वह कच्चा पीने वाला है
जिसकी ममता घट-प्यालों पर,
जो सच्चे मधु से जला हुआ
कब रोता है, चिल्लाता है!
जो बीत गई सो बात गई!