Skip to content

Mohobbat de kehar || sad but true Punjabi shayari || Punjabi status

Mohobbat vi dilan te ki kehar kamawe
Kise rajj ke rulawe
Kise gal naal lawe..!!

ਮੋਹੁੱਬਤ ਵੀ ਦਿਲਾਂ ਤੇ ਕੀ ਕਹਿਰ ਕਮਾਵੇ
ਕਿਸੇ ਰੱਜ ਕੇ ਰੁਲਾਵੇ
ਕਿਸੇ ਗਲ ਨਾਲ ਲਾਵੇ..!!

Title: Mohobbat de kehar || sad but true Punjabi shayari || Punjabi status

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


kine chir to || punjabi shayari one sided love

kine chir to nahi vekhiyaa ohnu
lagda bhul gyaa mainu
kithe na kite taan yaad augi ohnu meri
ki karda si koi kmla apne ton wadhke meri

ਕਿਣੇ ਚਿਰ ਤੋ ਨਹੀਂ ਵੇਖਿਆ ਓਹਨੂੰ
ਲਗਦਾ ਭੁੱਲ ਗਿਆ ਮੈਨੂੰ
ਕਿਥੇ ਨਾ ਕਿਥੇ ਤਾਂ ਯਾਦ ਆਉਗੀ ੳਹਨੂੰ ਮੇਰੀ
ਕਿ ਕਰਦਾ ਸੀ ਕੋਈ ਕਮਲਾ ਆਪਣੇ ਤੋਂ ਵਧਕੇ ਫ਼ਿਕਰ ਮੇਰੀ

—ਗੁਰੂ ਗਾਬਾ 🌷

Title: kine chir to || punjabi shayari one sided love


ऊंट की गर्दन || birbal and akbar story hindi

बीरबल की सूझबूझ और हाजिर जवाबी से बादशाह अकबर बहुत रहते थे। बीरबल किसी भी समस्या का हल चुटकियों में निकाल देते थे। एक दिन बीरबल की चतुराई से खुश होकर बादशाह अकबर ने उन्हें इनाम देने की घोषणा कर दी।

काफी समय बीत गया और बादशाह इस घोषणा के बारे में भूल गए। उधर बीरबल इनाम के इंतजार में कब से बैठे थे। बीरबल इस उलझन में थे कि वो बादशाह अकबर को इनाम की बात कैसे याद दिलाएं।

एक शाम बादशाह अकबर यमुना नदी के किनारे सैर का आनंद उठा रहे थे कि उन्हें वहां एक ऊंट घूमता हुआ दिखाई दिया। ऊंट की गर्दन देख राजा ने बीरबल से पूछा, “बीरबल, क्या तुम जानते हो कि ऊंट की गर्दन मुड़ी हुई क्यों होती है?”

बादशाह अकबर का सवाल सुनते ही बीरबल को उन्हें इनाम की बात याद दिलाने का मौका मिल गया। बीरबल से झट से उत्तर दिया, “महाराज, दरअसल यह ऊंट किसी से किया हुआ अपना वादा भूल गया था, तब से इसकी गर्दन ऐसी ही है। बीरबल ने आगे कहा, “लोगों का यह मानना है कि जो भी व्यक्ति अपना किया हुआ वादा भूल जाता है, उसकी गर्दन इसी तरह मुड़ जाती है।”

बीरबल की बात सुनकर बादशाह हैरान हो गए और उन्हें बीरबल से किया हुआ अपना वादा याद आ गया। उन्होंने बीरबल से जल्दी महल चलने को कहा। महल पहुंचते ही बादशाह अकबर ने बीरबल को इनाम दिया और उससे पूछा, “मेरी गर्दन ऊंट की तरह तो नहीं हो जाएगी न?” बीरबल ने मुस्कुराकर जवाब दिया, “नहीं महाराज।” यह सुनकर बादशाह और बीरबल दोनों ठहाके लगाकर हंस दिए।

इस तरह बीरबल ने बादशाह अकबर को नाराज किए बगैर उन्हें अपना किया हुआ वादा याद दिलाया और अपना इनाम लिया।

Title: ऊंट की गर्दन || birbal and akbar story hindi