आज जिंदा है कल गुज़र जाएंगे ,
कोन जानता है कल बिछड़ जाएंगे,
नाराज ना होना हमारी शरारतो से ए दोस्त,
ये वो पल है जो कल बहुत याद आएंगे …,
आज जिंदा है कल गुज़र जाएंगे ,
कोन जानता है कल बिछड़ जाएंगे,
नाराज ना होना हमारी शरारतो से ए दोस्त,
ये वो पल है जो कल बहुत याद आएंगे …,
kina kathor bna dita
dila tere ishq ne
begaana ho gya
taitho wakh ho ke
eh duniyaa v anjaan laggegairaa ch teri bhaal karke
na jaane kyu!! rab mera mainu jeen dawe
par mainu mere jeen di wajah na mile
ਕਿੰਨਾ ਕਠੋਰ ਬਣਾ ਦਿੱਤਾ
ਦਿੱਲਾ ਤੇਰੇ ਇਸ਼ਕ ਨੇ …. 💌
ਬੇਗਾਨਾ ਹੋ ਗਿਆ
ਤੈਥੋਂ ਵੱਖ ਹੋ ਕੇ
ਇਹ ਦੁਨੀਆ ਵੀ ਅਣਜ਼ਾਣ ਲੱਗੇ
ਗੈਰਾ ‘ਚ ਤੇਰੀ ਭਾਲ ਕਰਕੇ
ਨਾ ਜਾਣੇ ਕਿਉ !! ਰੱਬ ਮੇਰਾ ਮੈਨੂੰ ਜੀਣ ਦਵੇ
ਪਰ ਮੈਨੂੰ ਮੇਰੇ ਜੀਣ ਦੀ ਵਜਾਹ ਨਾ ਮਿਲੇ
✍️ Harsh
बादशाह अकबर की यह आदत थी कि वह अपने दरबारियों से तरह-तरह के प्रश्न किया करते थे। एक दिन बादशाह ने दरबारियों से प्रश्न किया, “अगर सबकी दाढी में आग लग जाए, जिसमें मैं भी शामिल हूं तो पहले आप किसकी दाढी की आग बुझायेंगे?”
“हुजूर की दाढी की” सभी सभासद एक साथ बोल पड़े।
मगर बीरबल ने कहा – “हुजूर, सबसे पहले मैं अपनी दाढी की आग बुझाऊंगा, फिर किसी और की दाढी की ओर देखूंगा।”
बीरबल के उत्तर से बादशाह बहुत खुश हुए और बोले- “मुझे खुश करने के उद्देश्य से आप सब लोग झूठ बोल रहे थे। सच बात तो यह है कि हर आदमी पहले अपने बारे में सोचता है।”