Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status
Me hora warga kyu nahi || Shayari punjabi
Duniyaa tainu kabool karu
tu eh veham kadh de
Eh v sundar oh v sundar
tu kyu ni sohna
apne aap nu horaa jeha
mna banauna chhadd de
loki banna chahn tere jeha
aisa koi kil gadh de
hora jeha mnaa banna chhad de
ਦੁਨੀਆ ਤੈਨੂੰ ਕਬੂਲ ਕਰੂੰ
ਤੂੰ ਇਹ ਬੈਹਮ ਕੱਡ ਦੇ
ਇਹ ਵੀ ਸੁੰਦਰ ਉਹ ਵੀ ਸੁੰਦਰ
ਤੂੰ ਕਿਉ ਨੀ ਸੋਹਣਾ
ਆਪਣੇ ਆਪ ਨੂੰ ਹੋਰਾਂ ਜਿਹਾ
ਮਨਾ ਬਣਾਉਣਾ ਛੱਡ ਦੇ
ਲੋਕੀਂ ਬਣਨਾ ਚਾਹਣ ਤੇਰੇ ਜਿਹਾ
ਐਸਾ ਕੋਈ ਕਿੱਲ ਗੱਡ ਦੇ
ਹੋਰਾਂ ਜਿਹਾ ਮਨਾ ਬਨਣਾ ਛੱਡ ਦੇ
Title: Me hora warga kyu nahi || Shayari punjabi
ऊंट की गर्दन || birbal and akbar story hindi
बीरबल की सूझबूझ और हाजिर जवाबी से बादशाह अकबर बहुत रहते थे। बीरबल किसी भी समस्या का हल चुटकियों में निकाल देते थे। एक दिन बीरबल की चतुराई से खुश होकर बादशाह अकबर ने उन्हें इनाम देने की घोषणा कर दी।
काफी समय बीत गया और बादशाह इस घोषणा के बारे में भूल गए। उधर बीरबल इनाम के इंतजार में कब से बैठे थे। बीरबल इस उलझन में थे कि वो बादशाह अकबर को इनाम की बात कैसे याद दिलाएं।
एक शाम बादशाह अकबर यमुना नदी के किनारे सैर का आनंद उठा रहे थे कि उन्हें वहां एक ऊंट घूमता हुआ दिखाई दिया। ऊंट की गर्दन देख राजा ने बीरबल से पूछा, “बीरबल, क्या तुम जानते हो कि ऊंट की गर्दन मुड़ी हुई क्यों होती है?”
बादशाह अकबर का सवाल सुनते ही बीरबल को उन्हें इनाम की बात याद दिलाने का मौका मिल गया। बीरबल से झट से उत्तर दिया, “महाराज, दरअसल यह ऊंट किसी से किया हुआ अपना वादा भूल गया था, तब से इसकी गर्दन ऐसी ही है। बीरबल ने आगे कहा, “लोगों का यह मानना है कि जो भी व्यक्ति अपना किया हुआ वादा भूल जाता है, उसकी गर्दन इसी तरह मुड़ जाती है।”
बीरबल की बात सुनकर बादशाह हैरान हो गए और उन्हें बीरबल से किया हुआ अपना वादा याद आ गया। उन्होंने बीरबल से जल्दी महल चलने को कहा। महल पहुंचते ही बादशाह अकबर ने बीरबल को इनाम दिया और उससे पूछा, “मेरी गर्दन ऊंट की तरह तो नहीं हो जाएगी न?” बीरबल ने मुस्कुराकर जवाब दिया, “नहीं महाराज।” यह सुनकर बादशाह और बीरबल दोनों ठहाके लगाकर हंस दिए।
इस तरह बीरबल ने बादशाह अकबर को नाराज किए बगैर उन्हें अपना किया हुआ वादा याद दिलाया और अपना इनाम लिया।
