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Abh toh aan pashi hai || akbar birbal kahani

अकबर बादशाह को मजाक करने की आदत थी। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा-

“आज से तुम लोगों को पहरेदारी करनी पड़ेगी।”

सुनकर सेठ घबरा गए और बीरबल के पास पहुँचकर अपनी फरियाद रखी।

बीरबल ने उन्हें हिम्मत बँधायी,

“तुम सब अपनी पगड़ियों को पैर में और पायजामों को सिर पर लपेटकर रात्रि के समय में नगर में चिल्ला-चिल्लाकर कहते फिरो, अब तो आन पड़ी है।”

उधर बादशाह भी भेष बदलकर नगर में गश्त लगाने निकले। सेठों का यह निराला स्वांग देखकर बादशाह पहले तो हँसे, फिर बोले-“यह सब क्या है ?”

सेठों के मुखिया ने कहा-

“जहाँपनाह, हम सेठ जन्म से गुड़ और तेल बेचने का काम सीखकर आए हैं, भला पहरेदीर क्या कर पाएँगे, अगर इतना ही जानते होते तो लोग हमें बनिया कहकर क्यों पुकारते?”

बादशाह अकबर बीरबल की चाल समझ गए और अपना हुक्म वापस ले लिया।

Title: Abh toh aan pashi hai || akbar birbal kahani

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Te keh sathon hunda nahi..!!




Ek umeed si || sad but true || hindi shaYARI


एक  उमीद सी  बाकी है अब भी, कि शाइद तुम लोट आओगे॥
कि तुम फिर से मुझे आकर सीने से लगाओ गे,
लेकर मेरे आँसू ,मुझे हँसना सिखाओगे,
कि शाइद तुम फिरसे ,मुझे अपना बनालोगे॥
कि शाइद तुम लोट आओगे,
एक उमीद  सी बाकी है  अब भी ,शाइद तुम लोट आओगे॥❣️

Title: Ek umeed si || sad but true || hindi shaYARI