चुप रह कर, ये क़माल देखने लगा
उस शिकारी का,ज़ाल देखने लगा
उसने कहा, देखो आ गया समंदर
और मैं अपना, रुमाल देखने लगा
पहले उसने मेरा सर रखा,कंधे पर
फिर वो भीगे हुए,गाल देखने लगा
इसको नया इश्क़,मंज़ूर ही कहां है
दिल फिर पुराना,साल देखने लगा
याद आ गए,फिर उसके गाल मुझे
मैं होली में जब,गुलाल देखने लगा
और जब निवाला देकर,ली फोटो
मुस्कुरा के मैं, हड़ताल देखने लगा
me tere naseeb ki barish nahi jo tijhpe baras jaau
tujhe takdeer badalni hogi paane ke liye
मैं तेरे नसीब कि बारिश नहीं जो तुझपे बरस जाऊं,,,😌
तुझे तक़दीर बदलनी होगी मुझे पाने के लिए!!!…..😉😉😉