बेहतर से बेहतर की तलाश करो,
मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो,
टूट जाते हैं शीशे पत्थरों की चोट से,
तोड़ से पत्थर ऐसे शीशे की तलाश करो।
बेहतर से बेहतर की तलाश करो,
मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो,
टूट जाते हैं शीशे पत्थरों की चोट से,
तोड़ से पत्थर ऐसे शीशे की तलाश करो।
Kuch lamho me waqt simat sa jata hai….
vo lamhe sukoon ban jaate hai….
fr kyu jb vo sukoon door hojata hai toh ye waqt guzarne ka naam nhi leta. …
कुछ लम्हों में वक़्त सिमट सा जाता है
वो लम्हे सुकून बन जाते हैं
फिर क्यों जब वो सुकून दूर हो जाता है तो ये वक़्त गुज़रने का नाम नहीं लेता…
Kinne chir ton nhi vekheya ohnu
Na hi hoyea hun kade kamli da zikar e
Pta nhi oh menu kade yaad kardi vi e
Ke $@ggi nu hi rehndi ohdi fikar e…
ਕਿੰਨੇ ਚਿਰ ਤੋ ਨਹੀਂ ਵੇਖਿਆ ਓਹਨੂੰ
ਨਾ ਹੀ ਹੋਇਆ ਹੁਣ ਕਦੇ ਕਮਲੀ ਦਾ ਜਿਕਰ ਏ
ਪਤਾ ਨੀ ਓ ਮੈਨੂੰ ਕਦੇ ਯਾਦ ਕਰਦੀ ਵੀ ਏ
ਕੇ $@ggi ਨੂੰ ਹੀ ਰਹਿੰਦੀ ਓਹਦੀ ਫਿਕਰ ਏ…