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Akbar badshah ko mazaak || hindi akbar birbal kahani

अकबर बादशाह को मजाक करने की आदत थी। एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा-

“आज से तुम लोगों को पहरेदारी करनी पड़ेगी।”

सुनकर सेठ घबरा गए और बीरबल के पास पहुँचकर अपनी फरियाद रखी।

बीरबल ने उन्हें हिम्मत बँधायी,

“तुम सब अपनी पगड़ियों को पैर में और पायजामों को सिर पर लपेटकर रात्रि के समय में नगर में चिल्ला-चिल्लाकर कहते फिरो, अब तो आन पड़ी है।”

उधर बादशाह भी भेष बदलकर नगर में गश्त लगाने निकले। सेठों का यह निराला स्वांग देखकर बादशाह पहले तो हँसे, फिर बोले-“यह सब क्या है ?”

सेठों के मुखिया ने कहा-

“जहाँपनाह, हम सेठ जन्म से गुड़ और तेल बेचने का काम सीखकर आए हैं, भला पहरेदीर क्या कर पाएँगे, अगर इतना ही जानते होते तो लोग हमें बनिया कहकर क्यों पुकारते?”

बादशाह अकबर बीरबल की चाल समझ गए और अपना हुक्म वापस ले लिया।

Title: Akbar badshah ko mazaak || hindi akbar birbal kahani

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Koi mera be te pyaar c || Sad

Koi Mera be te pyar c
Dil toh ooh Dark c I don’t know, mgr chl mere leyi te ooh mere jajjbaat c.
Menu her velle kendi reyyi c ooh leave me,
Mai nai shddeya c tennu mgr shayad meri tere naal rehn di nai aukaat c
Hmm mai mnn da tera enna krr da Reya, hmm aa gl tu v te mnn ki tu apna te mera time waste krr di Reyi,
Chl last vich tu keh hee ditta c sorry but leave alone me
Tinn English dey word bol k, Mere pyaar nu addh vich role k, tu turr kidr nu gyii c,

Title: Koi mera be te pyaar c || Sad


Mere dost || hindi poetry on dost

मैं ना जानू दोस्त तेरे दूर हो जाने के बाद,
यह जिंदगी कैसे जंग बन गई है।

मैं ना जानू दोस्त तेरे जाने के बाद,
यह गांव की गलियां कैसे सुनी हो गई है।

मैंने जानू दोस्त तेरे जाने के बाद,
वो खेल का मैदान अब सुना लगता है।

मैं ना जानू दोस्त तेरे जाने के बाद,
कैसे फूल जैसी जिंदगी पत्थर बन गई है।

खुद को मनाने की कोशिश करता हूं बहुत,
लेकिन क्या करूं दिल है कि मानता ही नहीं।

मैं ना जानू दोस्त तेरी दूर हो जाने के बाद,
मेरे चेहरे की हंसी कहां गुम हो गई।

मैं ना जानू दोस्त तेरे जाने के बाद,
बाजारों की रौनक भी फीकी लगती है।

तू कब आएगा मेरे भाई मेरे दोस्त,
तेरे को हर दिन गले लगाने का मन करता है।

Title: Mere dost || hindi poetry on dost