पाव उठाऊ तो हर कदम पे एक दरिया जकड़ लेता है
गिराकर मुझे हरबार हवाओं से मिलकर अकड़ लेता है,
छोड़ दूं मुठ्ठी भर सपने मैं बुजदिल नही,
मान जाए तन मेरा पर मेरा दिल नहीं,
हर मोड़ पर मुझे ऐसे ही सताएंगे,
गिराकर मुझे खुद मुस्कुराएंगे,
तुम्हारे लिए मैं पहला नहीं हूं,
सुनो,
बहुत हिम्मत है मुझमें मैं अकेला नहीं हूं...
Hmne har dukh ko mohabbat ki aziyat samjha
Hm koi tum the jo tumse shikayat krte
Ki mohabbat to siyasat ka chalan chhod diya
Hm agar ishq n krte to hukumat krte🙌
हमने हर दुख को मोहोब्बत की अज़ीयत समझा
हम कोई तुम थे जो तुमसे शिकायत करते
कि मोहोब्बत तो सियासत का चलन छोड़ दिया
हम अगर इश्क़ न करते तो हुकूमत करते🙌