“ਅਰਦਾਸ” ਕੇਵਲ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦਾ ਸ਼ਿੰਗਾਰ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ!!
ਇਹ ਤਾਂ ਰੂਹ ਦਾ ਗੀਤ ਹੈ,ਰੂਹ ਦੀ ਪੁਕਾਰ ਹੈ!!!
ਰਸਨਾ ਦੇ ਬੋਲ ਤਾਂ ਸ਼ਾਇਦ ਮਕਾਨ ਦੀ ਛੱਤ ਤੱਕ ਵੀ ਨਾ ਪਹੁੰਚ ਸਕਣ,ਪਰੰਤੂ ਕਿਸੇ ਦੀ ਰੂਹ ਦੀ ਫਰਿਆਦ ਭਾਵ “ਅਰਦਾਸ” ਅਵੱਸ਼ ਹੀ ਪਰਮਾਤਮਾ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦੀ ਹੈ!!!
“ਅਰਦਾਸ” ਕੇਵਲ ਸ਼ਬਦਾਂ ਦਾ ਸ਼ਿੰਗਾਰ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ!!
ਇਹ ਤਾਂ ਰੂਹ ਦਾ ਗੀਤ ਹੈ,ਰੂਹ ਦੀ ਪੁਕਾਰ ਹੈ!!!
ਰਸਨਾ ਦੇ ਬੋਲ ਤਾਂ ਸ਼ਾਇਦ ਮਕਾਨ ਦੀ ਛੱਤ ਤੱਕ ਵੀ ਨਾ ਪਹੁੰਚ ਸਕਣ,ਪਰੰਤੂ ਕਿਸੇ ਦੀ ਰੂਹ ਦੀ ਫਰਿਆਦ ਭਾਵ “ਅਰਦਾਸ” ਅਵੱਸ਼ ਹੀ ਪਰਮਾਤਮਾ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚ ਜਾਂਦੀ ਹੈ!!!
अगर नजर के नजरिये से निहारो तो हर नजारा नूर लगता है
मेरा वो प्यार जिसे दुनिया गलत कहती थी मुझे वो आज भी कोहिनूर लगता है
किस्मत ने खेला है ऐसा खेल सब कुछ है मेरे पास मगर मेरा महबूब पास होकर भी दूर लगता है
हाँ वो आज भी मुझको कोहिनूर लगता है प्यार मोहब्बत इश्क जितना कुछ था मेरे पास सब कुछ दे दिया उसको
फिर भी वो किसी और के प्यार में मगरूर लगता है
मेरा महबूब पास होकर भी दूर लगता है मगर फिर भी वो मुझको कहिनूर लगता है…harsh tiwari 🖋
अगर है प्यार मुझसे तो बताना भी ज़रूरी है
दिया है हुस्न मौला ने दिखाना भी ज़रूरी है
इशारा तो करो कभी मुझको अपनी निगाहों से
अगर है इश्क़ मुझसे तो जताना भी ज़रूरी है
अगर कर ले सभी ये काम झगड़ा हो नहीं सकता
ख़ता कोई नजर आए छुपाना भी ज़रूरी है
अगर टूटे कभी रिश्ता तुम्हारी हरकतों से जब
पड़े क़दमों में जाकर फिर मनाना भी ज़रूरी है
कभी मज़लूम आ जाए तुम्हारे सामने तो फिर
उसे अब पेट भर कर के खिलाना भी ज़रूरी है
अगर रोता नजर आए कभी मस्जिद या मंदिर में
बड़े ही प्यार से उसको हँसाना भी ज़रूरी है
~ मुहम्मद आसिफ अली