Unjh koi shikwa nai tere jaan ton
bas ik dil rehnda udaas tere jaan ton
ਉਂਝ ਕੋਈ ਸ਼ਿਕਵਾ ਨਹੀਂ ਤੇਰੇ ਜਾਣ ਤੋਂ
ਬਸ ਇਕ ਦਿਲ ਰਹਿੰਦਾ ਉਦਾਸ ਤੇਰੇ ਜਾਣ ਤੋਂ
Unjh koi shikwa nai tere jaan ton
bas ik dil rehnda udaas tere jaan ton
ਉਂਝ ਕੋਈ ਸ਼ਿਕਵਾ ਨਹੀਂ ਤੇਰੇ ਜਾਣ ਤੋਂ
ਬਸ ਇਕ ਦਿਲ ਰਹਿੰਦਾ ਉਦਾਸ ਤੇਰੇ ਜਾਣ ਤੋਂ
आग को बुझा देता है क्रोध ।
आग जलते है हवा में, लेकिन चिंगारी में जलता है क्रोध।
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अपना कविता किसी को मत पढ़ाओ।
अगर कोई पढ़ना चाहते है, उसे सच ढूंढ़ने के लिए बताओ।
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जबाब हर बात पे मत दो।
सिर्फ वक्त का इंतज़ार करो।
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जब बन रहे हों, सुनना पड़ता हैं।
जब बन गये हों, लोग सुनने आते हैं।
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रिश्ते आसमान की रूप।
आज बारिश, कल धूप।
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बात लहर की तरह।
जनम देती रिश्ते, टूटती भी रिश्ते, सोचो ज़रा।
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मैदान में जितना राजनीती होता है, उससे भी ज्यादा होता है घर पर।
घर का बाप ही बनता है नेता, नेता पैदा भी होता हे घर पर।
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जो तुम्हे पाता है, वो किसी को मत बताओ।
समय में प्रयोग करो, नहीं तो लोग समझेंगे के तुम मुर्ख हो।
Karne gya bazar apni dosti ki khoj
dosti se naraz mile hume kuch dost
humne pucha dost banoge kya?
unhone haste hue kaha bewaqt bin wajah rukoge kya
aakhe ye kehkar nam ho gyi
bin bole humari dosti aarambh ho gyi🌼
करने गया बाज़ार अपनी दोस्त की खोज
दोस्ती से नाराज़ मिले हमें कुछ दोस्त
हमने पूछा दोस्त बनोगे क्या?
उन्होंने हँसते हुए कहा बेवक़्त बिन वजह रुकोगे क्या
आंखें यह कहकर नम हो गई
बिन बोले हमारी दोस्ती आरंभ हो गई🌼