कभी तो मेरी रूह को, कहीं ना कहीं जाकर सुकून मिलेगा..
फिर से जिंदगी को खुशियों से जीलूँ, ऐसा कोई जुनून मिलेगा..
ना जाने उस वक्त के इंतजार में कितने और लम्हे बिताने हैं..
चाह मैं जिसकी हाथों में लगा, मेरे अरमानों का खून मिलेगा..
कभी तो मेरी रूह को, कहीं ना कहीं जाकर सुकून मिलेगा..
फिर से जिंदगी को खुशियों से जीलूँ, ऐसा कोई जुनून मिलेगा..
ना जाने उस वक्त के इंतजार में कितने और लम्हे बिताने हैं..
चाह मैं जिसकी हाथों में लगा, मेरे अरमानों का खून मिलेगा..
माना तुम्हे हर बार देखता हूं,
हर बार पहली बार देखता हूं,
देखता हूं तुम्हे जब जुल्फें संवरती हो तुम,
उन जुल्फों को आइना बनके हर बार देखता हूं,
आंखो में रातें और सुर्खी में ग़ुलाब जैसे,
मेरे हाथ खाली जाम तुम्हारे होंठो में शराब जैसे,
जैसे हर बार तुम्हारा वो ख़्वाब देखता हूं,
तुम्हारे हाथों में मेरा दिया वो ग़ुलाब देखता हूं,
वक्त हो तो आना कभी इक हसरत बाकी है,
तुम्हे हर बार की तरह पहली बार देखना बाकी है...
Zindagi hun ajehe mukaam te hai
ki mainu chahun waale bahut han
par jis nu mai chainda haa oh mainu nahi chahunda
ਜਿੰਦਗੀ ਹੁਣ ਅਹਿਜੇ ਮੁਕਾਮ ਤੇ ਹੈ
ਕਿ ਮੈਨੂੰ ਚਾਹੁਣ ਵਾਲੇ ਬਹੁਤ ਹਨ
ਪਰ ਜਿਸ ਨੂੰ ਮੈ ਚਾਹੁੰਦਾ ਹਾਂ ਉਹ ਮੈਨੂੰ ਨਹੀਂ ਚਾਹੁੰਦਾ