Lok pagl sanu kehnde ne
Bol ehna de sunne kyu chuniye..!!
Asi dil lutayeya e tere te
Dass hor kise di kyu suniye..!!
ਲੋਕ ਪਾਗ਼ਲ ਸਾਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਨੇ
ਬੋਲ ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਸੁਣਨੇ ਕਿਉਂ ਚੁਣੀਏ..!!
ਅਸੀਂ ਦਿਲ ਲੁਟਾਇਆ ਏ ਤੇਰੇ ‘ਤੇ
ਦੱਸ ਹੋਰ ਕਿਸੇ ਦੀ ਕਿਉਂ ਸੁਣੀਏ..!!
Lok pagl sanu kehnde ne
Bol ehna de sunne kyu chuniye..!!
Asi dil lutayeya e tere te
Dass hor kise di kyu suniye..!!
ਲੋਕ ਪਾਗ਼ਲ ਸਾਨੂੰ ਕਹਿੰਦੇ ਨੇ
ਬੋਲ ਇਹਨਾਂ ਦੇ ਸੁਣਨੇ ਕਿਉਂ ਚੁਣੀਏ..!!
ਅਸੀਂ ਦਿਲ ਲੁਟਾਇਆ ਏ ਤੇਰੇ ‘ਤੇ
ਦੱਸ ਹੋਰ ਕਿਸੇ ਦੀ ਕਿਉਂ ਸੁਣੀਏ..!!
Tenu bhulya janda ta kad da bhul jande
Teri yaada nu mita k kise hor te dhul jande.
Tere wangu kise ne ne sanu chaheya hi nhi
Hun sochde ha kash teri thaa asi mar muk jande.
By: Man kaur
बादशाह अकबर और बीरबल शिकार पर गए हुए थे। उनके साथ कुछ सैनिक तथा सेवक भी थे। शिकार से लौटते समय एक गांव से गुजरते हुए बादशाह अकबर ने उस गांव के बारे में जानने की जिज्ञासा हुई। उन्होंने इस बारे में बीरबल से कहा तो उसने जवाब दिया—”हुजूर, मैं तो इस गांव के बारे में कुछ नहीं जानता, किंतु इसी गांव के किसी बाशिन्दे से पूछकर बताता हूं।”
बीरबल ने एक आदमी को बुलाकर पूछा—”क्यों भई, इस गांव में सब ठीक-ठाक तो है न?”
उस आदमी ने बादशाह को पहचान लिया और बोला—”हुजूर आपके राज में कोई कमी कैसे हो सकती है।”
“तुम्हारा नाम क्या है?” बादशाह ने पूछा।
“गंगा”
“तुम्हारे पिता का नाम?”
“जमुना”
“और मां का नाम सरस्वती है?”
“हुजूर, नर्मदा।”
यह सुनकर बीरबल ने चुटकी ली और बोला—”हुजूर तुरन्त पीछे हट जाइए। यदि आपके पास नाव हो तभी आगे बढ़ें वरना नदियों के इस गांव में तो डूब जाने का खतरा है।”
यह सुनकर बादशाह अकबर हंसे बगैर न रह सके।