Aye dost hum ne tark-e-mohabbat ke bawjood,
Mehsoos ki hai teri zaroorat kabhi kabhi..
Aye dost hum ne tark-e-mohabbat ke bawjood,
Mehsoos ki hai teri zaroorat kabhi kabhi..
Bapu da dar vi bhut aa,
Te bapu karke kise da dar vi nhi aa!❤
ਬਾਪੂ ਦਾ ਡਰ ਵੀ ਬੋਹਤ ਆ,
ਤੇ ਬਾਪੂ ਕਰਕੇ ਕਿਸੇ ਦਾ ਡਰ ਵੀ ਨਹੀ ਆ ! ❤
आग को बुझा देता है क्रोध ।
आग जलते है हवा में, लेकिन चिंगारी में जलता है क्रोध।
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अपना कविता किसी को मत पढ़ाओ।
अगर कोई पढ़ना चाहते है, उसे सच ढूंढ़ने के लिए बताओ।
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जबाब हर बात पे मत दो।
सिर्फ वक्त का इंतज़ार करो।
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जब बन रहे हों, सुनना पड़ता हैं।
जब बन गये हों, लोग सुनने आते हैं।
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रिश्ते आसमान की रूप।
आज बारिश, कल धूप।
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बात लहर की तरह।
जनम देती रिश्ते, टूटती भी रिश्ते, सोचो ज़रा।
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मैदान में जितना राजनीती होता है, उससे भी ज्यादा होता है घर पर।
घर का बाप ही बनता है नेता, नेता पैदा भी होता हे घर पर।
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जो तुम्हे पाता है, वो किसी को मत बताओ।
समय में प्रयोग करो, नहीं तो लोग समझेंगे के तुम मुर्ख हो।