
Shayad sabh badal gya e
Nahi duniya hi badal gyi e
Ja shayad asi hi badal gye haan..!!
कितने गुज़र गए ज़माने यूँ ज़ख्म खाने में,
बडा वक़्त लगाते हो यार मरहम लगाने में.
दासबर्दार तेरे इश्क़ में आशनाई गवा बैठे,
बावर्णा दिल-खवा अपने भी थे ज़माने में.
जो क़ल्ब परोसता है ग़ज़लों में बेदिली से मुसाहिब,
मुझे भी तोह सुना कोनसा ग़म है तेरे अफ़साने में.
मेरा ग़म कौन जाने मैं पौधा ही जानू हिज्र-ए-गुल,
बीस दिन लगते है अशर कली को फूल बनाने में…
Le rooh meri nu ja door kite
Chal naam mera dil ch jarh le tu..!!
Menu mere ton khoh ke le ja ve
Te apne aap vich marh le tu..!!
ਲੈ ਰੂਹ ਮੇਰੀ ਨੂੰ ਜਾ ਦੂਰ ਕੀਤੇ
ਚੱਲ ਨਾਮ ਮੇਰਾ ਦਿਲ ‘ਚ ਜੜ੍ਹ ਲੈ ਤੂੰ..!!
ਮੈਨੂੰ ਮੇਰੇ ਤੋਂ ਖੋਹ ਕੇ ਲੈ ਜਾ ਵੇ
ਤੇ ਆਪਣੇ ਆਪ ਵਿੱਚ ਮੜ੍ਹ ਲੈ ਤੂੰ..!!